समास व त्याचे प्रकार मराठी व्याकरण | Samas Marathi Grammar

 समास व त्याचे प्रकार 

            जेंव्हा दोन किंवा अनेक शब्दामध्ये परस्पर संबंध दाखविणारे प्रत्यय किंवा शब्द काढून त्याचा एकच जोड शब्द तयार होतो तेव्हा त्या शब्दाच्या एकीकरणाला ‘समास’ असे म्हणतात. आणि  तयार  झालेल्या त्या  जोड  शब्दाला सामासिक शब्द असे म्हणतात.


सामासिक शब्दांचे काही उदाहरण :

                    साखरभात – साखर घालून केलेला भात

                    राजवाडा    – राजाचा वाडा

                    कांदेपोहे     – कांदे घालून केलेले पोहे

समास व त्याचे प्रकार, samas v tyache prakar
समास व त्याचे प्रकार

 

समास व त्याचे प्रकार 

 
समासाचे एकूण ४ प्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे
 
(१) अव्यायी भाव समास
(२) तत्पुरुष समास
(३) व्दंव्द समास
(४) बहुव्रीही समास
 
आता आपण या पूर्ण प्रकार सविस्तर पणे समजून घेऊया 
 

(१) अव्यायी भाव समास

            जेंव्हा समासातील पहिले पद हे अव्यय असुन तो शब्द मुख्य असतो किंवा संपूर्ण शब्द क्रियाविशेषण असते तेव्हा त्यास ‘अव्ययीभाव समास’ असे म्हणतात.

अव्ययीभाव समासाचे काही उदाहरण

                            आजन्म – जन्मापासून
                            प्रतिवर्ष – प्रत्येक वर्ष
                            यथाशक्ती – शक्ती प्रमाणे
                            प्रतिदिन – प्रत्येक दिवशी
                                गैरहजर  –  हजर नसलेला
घरोघरी  – प्रत्येक घरी

(२) तत्पुरुष समास

            ज्या समासातील दुसरे पद हर महत्वाचे असते आणि अर्थाच्या दृष्टीने गाळलेला शब्द किंवा विभक्ती प्रत्येय विग्रह करताना घालावा लागतो त्यास  ‘तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात.

तत्पुरुष समासाचे काही उदाहरण


                            तोंडपाठ – तोंडाने पाठ
                            देवपूजा – देवाची पूजा
                            ऋणमुक्त – ऋणातून मुक्त

 

तत्पुरुष समासाचे उपप्रकार

 
तत्पुरुष समासाचे ७  उपप्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे 
 
(अ) विभक्ती तत्पुरुष समास
(ब) कर्मधारय तत्पुरुष समास
(क) व्दिगु समास
(ड) अलुप्त तत्पुरुष समास
(इ) उपपद तत्पुरुष समास 
(फ) नत्र तत्पुरुष समास
(ग) मध्यम पदलोपी समास
 
 

 (अ) विभक्ती तत्पुरुष समास

            ज्या तत्पुरुष समासात एखाद्या विभक्तीचा किंवा विभक्तीचा अर्थ व्यक्त करणाऱ्या शब्दयोगी अव्यय काढून दोन्ही पडे जोडली जातात त्यास ‘विभक्ती तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात.

विभक्ती तत्पुरुष समासाचे उदाहरण

                              गर्भश्रीमंत – गर्भापासून श्रीमंत
गाईरान – गाईचे रान
राजकन्या – राजाची कन्या
वनदेवता – वनातील देवता

 
 

(ब) कर्मधारय तत्पुरुष समास

            ज्या तत्पुरुष समासातील दोन्ही पडे एकाच विभक्तीत किंवा या समासातील दोन्ही पदे प्रथमा विभक्तीत असतात तेव्हा त्यास ‘कर्मधारय तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात
 
 कर्मधारय तत्पुरुष समासाचे उदाहरण
 

                            पितांबर – पीत असे अंबर
चंद्रवदन – चंद्रासारखे वदन
महादेव – महान असा देव
घनश्याम – घनासारखा श्याम

 
 
(क) व्दिगु समास
 
            ज्या समासात पहिले पद संख्या विशेषण असते व त्या सामासिक शब्दावरून समूदायाचा बोध होतो त्यास ‘व्दिगु समास’ असे म्हणतात.
 
व्दिगु समासाचे उदाहरण

                        नवरात्र – नऊ रात्रींचा समूह
                        पंचवटी – पाच वाडांचा समूह
 
 
(ड) अलुप्त तत्पुरुष समास 
 

            अलुप्त म्हणजे लोप(काढून टाकणे / निघून जाने) न होणारे . ज्या  तत्पुरुष समासात  पहिल्या पदाच्या
पदाच्या विभक्ती प्रत्ययाचा लोप होत नाही त्यास ‘अलुप्त तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात

 
अलुप्त तत्पुरुष समासाचे उदाहरण

                            अग्रेसर
                            युदीष्ठीर
                            कर्तरी प्रयोग
                            कर्मणी प्रयोग.

 
 
(इ) उपपद तत्पुरुष समास
 
            ज्या तत्पुरुष समासातील दुसरे पद प्रधान असुन ते धातु साधीते (कृदंते) असते त्याला ‘उपपद तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात.
 
उपपद तत्पुरुष समासाचे उदाहरण
 

                            ग्रंथकार – करणारा
                            वंशज – जन्मणारा
                                विहंग – जाणारा
देशस्थ – राहणारा

 
(फ) नत्र तत्पुरुष समास
 
            ज्या तत्पुरुष समासातील पहिले पद हे नकारार्थी असते त्यास नत्र तत्पुरुष समास असे म्हणतात. या शब्दातील पहिले पद अ, अन, न, ना, बे, नी, गैर या सारखी निषेध दर्शविणारी असतात.
 
नत्र तत्पुरुष समासाचे उदाहरण
 

                            अज्ञान
                            अनावधान
                            नापसंत
                            बेडर
                            गैरहजर
                            निरोगी
                            नपुंसक

 
 
(ग) मध्यम पदलोपी समास 
 
            ज्या समासामध्ये दोन शब्दामधील विभक्ती प्रत्यायाशिवाय संबंध दाखविणाऱ्या शब्दाचा लोप झालेला असतो त्याला ‘मध्यम पदलोपी समास’ असे म्हणतात.
 
मध्यम पदलोपी समासाचे उदाहरण
 

                            साखरभात – साखर घातलेला भात
                            चुलतभाऊ – चुलत्याचा मुलगा म्हणून भाऊ
                            भोजनभाऊ – भोजना पुरता भाऊ
                            घोडेस्वार – घोड्यावर स्वार होणारा

 

(३) व्दंव्द समास

            ज्या समासातील दोन्हीही पडे सारखीच महत्वाची असतात त्यास व्दंव्द समास’ असे म्हणतात
व्दंव्द समासाचे उदाहरण

                     रामलक्ष्मण
ताटवाटी
विटीदांडू
धर्माधर्म
घरदार

 व्दंव्द समासाचे प्रकार

व्दंव्द समासाचे ३ उपप्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे

(अ) इतरेतर व्दंव्द समास

(ब) वैकल्पिक व्दंव्द समास

(क) समहार व्दंव्द समास

 

 

(अ) इतरेतर व्दंव्द समास

            ज्या समासांचा विग्रह करताना आणि या समुच्चय बोधक उभयान्वयी अव्ययाचा उपयोग करावा लागतो त्यास ‘इतरेतर व्दंव्द समास’ असे म्हणतात.

 

इतरेतर व्दंव्द समासाचे उदाहरण

                            माता-पिता – माता आणि पिता

                            हरी-हर – हरी व हर

 

 

(ब) वैकल्पिक व्दंव्द समास

            ज्या समासाचा विग्रह करताना किंवा, अथवा, अगर या विकल्प दाखविणाऱ्या उभयान्वयी अव्ययाचा उपयोग करावा लागतो त्यास ‘वैकल्पिक व्दंव्द समास’ असे म्हणतात.

वैकल्पिक व्दंव्द समासाची उदाहरण

धर्मा-धर्म – धर्म किंवा अधर्म
                            न्याया-न्याय – न्याय किंवा अन्याय
तीन-चार – तीन किंवा चार

(क) समहार व्दंव्द समास

            ज्या समासातील विग्रह करताना त्यातील दोन पदाच्या अर्थाशिवाय त्या जातीच्या इतर पदार्थाचाही समावेश असतो व त्याचा विग्रह करताना वगैरे, इत्यादी, आदी या शब्दांचा उपयोग होतो त्यास ‘समाहार व्दंव्द समास’ असे म्हणतात.


समाहार व्दंव्द समासाचे उदाहरण


                            अंथरूनपांघरून – अंथरून पांघरूनासाठी लागणाऱ्या वस्तू व इतर कपडे

                            शेतीवाडी – शेती वाडी व इतर संपत्ती 

                            पाप-पुण्य – पाप किंवा पुण्य

                            भाजीपाला – भाजी आणि इतर पदार्थ(वस्तू)

 
 
(४) बहुव्रीही समास
 
            ज्या समासातील दोन्हीही पडे महत्वाची नसून ही दोन्ही पडे मिळून तिसऱ्या गोष्टीचा जेव्हा बोध होतो त्यास ‘बहुव्रीही समास’ असे म्हणतात.
 
बहुव्रीही समासाची उदाहरण
 
                            एकदंत – एक आहे ज्याला दंत तो म्हणजे गणपती
                            नीलकंठ – निळा आहे कंठ ज्याचा तो म्हणजे शंकर
                            जितेंद्रिय – जिंकली आहे ज्याने इंद्रिय तो म्हणजे महावीर

बहुव्रीही समास व त्याचे प्रकार

बहुव्रीही समासाचे ४ उपप्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे
 
(अ) विभक्ती बहुव्रीही समास
(ब) नत्र बहुव्रीही समास
(क) सह बहुव्रीही समास
(ड) प्राधी बहुव्रीही समास
 
 
(अ) विभक्ती बहुव्रीही समास

            ज्या बहुव्रीही समासाचा विग्रह करताना संबंधी सर्वनामाची रूपे ही विभक्तीत असते त्यास ‘विभक्ती बहुव्रीही समास’ असे म्हणतात.


विभक्ती बहुव्रीही समासाची उदाहरण

                     प्राप्तधन – प्राप्त आहे धन ज्यास तो
त्रिकोण – तीन आहेत कोण ज्याला तो
निर्धन – गेले आहे धन ज्याच्यापासून तो

 
 
(ब) नत्र बहुव्रीही समास
 
            ज्या बहुव्रीही समासातील पहिले पद अ, अन, न, नी, असे नकारात्मक असते त्यास नत्र बहुव्रीही समास असे म्हणतात.
 
नत्र बहुव्रीही समासाचे उदाहरण 
 
                            अनाथ
                            अनंत
                            निरास
                            अनादी
                            नपुंसक
(क) सह बहुव्रीही समास
            ज्या बहुव्रीही समासातील पहिले पद सह किंवा स या अव्ययाने सुरु होते तेव्हा त्यास ‘सह बहुव्रीही समास’ असे म्हणतात.
सह बहुव्रीही समासाची उदाहरणे
                            सनात
                            सहोदर
                            सहमित्र
                            सहपरिवार
                            सादर
                            सफल
                            सबल
                            सुपुत्र
(ड) प्राधी बहुव्रीही समास

            ज्या बहुव्रीही समासातील पहिले पद हे उपसर्ग असेल तर तो ‘प्राधी बहुव्रीही समास’ होतो.

प्राधी बहुव्रीही समासाचे उदाहरण

                            निर्मला
सुलोचना
निर्धन
निर्दय
कुरूप
निरस
                         दुर्गुणी
                         विरागी

 
 

संबंधित प्रश्न उत्तरे

1) समास म्हणजे काय?
– जेंव्हा दोन किंवा अनेक शब्दामध्ये परस्पर संबंध दाखविणारे प्रत्यय किंवा शब्द काढून त्याचा एकच जोड शब्द तयार होतो तेव्हा त्या शब्दाच्या एकीकरणाला ‘समास’ असे म्हणतात.
आणि  तयार  झालेल्या त्या  जोड  शब्दाला सामासिक शब्द असे म्हणतात.
2) समासाचे एकूण प्रकार किती व कोणते?
– समासाचे एकूण ४ प्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे (१) अव्यायी भाव समास (२) तत्पुरुष समास (३) व्दंव्द समास
(४) बहुव्रीही समास
3) तत्पुरुष समासाचे प्रकार किती व त्याचे प्रकार कोणते?
– ज्या समासातील दुसरे पद हर महत्वाचे असते आणि अर्थाच्या दृष्टीने गाळलेला शब्द किंवा विभक्ती प्रत्येय विग्रह करताना घालावा लागतो त्यास ‘तत्पुरुष समास’ असे म्हणतात.
तत्पुरुष समासाचे ७  उपप्रकार पडतात
(अ) विभक्ती तत्पुरुष समास (ब) कर्मधारय तत्पुरुष समास (क) व्दिगु समास (ड) अलुप्त तत्पुरुष समास
(इ) उपपद तत्पुरुष समास (फ) नत्र तत्पुरुष समास (ग) मध्यम पदलोपी समास
4) व्दिगु समास म्हणजे काय?
– ज्या समासात पहिले पद संख्या विशेषण असते व त्या सामासिक शब्दावरून समूदायाचा बोध होतो त्यास ‘व्दिगु समास’ असे म्हणतात.
5) व्दंव्द समास म्हणजे काय?
– ज्या समासातील दोन्हीही पडे सारखीच महत्वाची असतात त्यास ‘व्दंव्द समास’ असे म्हणतात
6) बहुव्रीही समास म्हणजे काय? व त्याचे प्रकार कोणते?
– ज्या समासातील दोन्हीही पडे महत्वाची नसून ही दोन्ही पडे मिळून तिसऱ्या गोष्टीचा जेव्हा बोध होतो त्यास ‘बहुव्रीही समास’ असे म्हणतात.
बहुव्रीही समासाचे ४ उपप्रकार पडतात ते पुढीलप्रमाणे
(अ) विभक्ती बहुव्रीही समास (ब) नत्र बहुव्रीही समास (क) सह बहुव्रीही समास (ड) प्राधी बहुव्रीही समास
 

नक्की वाचा !!

 

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